शनिवार, नवंबर 17, 2007

बाजारू ज्ञान ...

आजकल भारत की अर्थव्यवस्था और बाज़ार खरगोश के बच्चों की तरह बढ़ रहे हैं। कुछ ही समय पहले १० -१२ हजार पे किलकारियाँ मारने वाला BSE सेंसेक्स आज २० हजार तक पहुंच के किल्लोलें कर रहा है। इसी तेज़ी का फ़ायदा उठाते हुए मुकेश अम्बानी जी तो दुनिया के सबसे अमीर आदमी हो लिए! साथ ही में भारतीय मुद्रा में भी मजबूती आई है। अब वित्तमंत्री कह रहे हैं कि रूपये में आई इस मजबूती से मुद्रास्फीति की दर पर भी लगाम लगी है (पिछले पांच वर्षों के न्यूनतम स्तर पर है)।



अब हर सिक्के के दो पहलु होते हैं - रूपये की मजबूती के साथ यदि तेल का आयात सस्ता हुआ तो दूसरी तरफ सॉफ्टवेयेर के निर्यात का मुनाफा कम। अब सॉफ्टवेयेर कंपनियों ने मुनाफे की कमी को पूरा करने के लिए शनिवार को भी कार्य दिवस बनाने की बात की तो मुझ जैसों की जान पे बन आई !

पुराने समय की अपेक्षा अब विदेश यात्रा करना पहले ही सस्ता हो चुका है। अब भारत सरकार देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लगने वाले शुल्क को डॉलर में स्वीकार करने के इनकार कर रही है। यानी अब विदेशी पर्यटकों को ताज महल जैसी इमारतों के दर्शन हेतु शुल्क रूपये (डॉलर में नहीं) में अदा करना होगा !

बीबीसी में छपी इस ख़बर के अनुसार पर्यटन मंत्रालय ने यह कदम डॉलर में रोजम-रोज होने वाली उतार चढाव से बचने के लिए किया है। भारत में हर साल ४० लाख विदेशी पर्यटक आते हैं जिनसे देश को ६५ लाख डॉलर की आमदनी होती है। अब अगर एक साल में ५० पैसे का भी उतार मान लीजिये (वैसे आपकी जानकारी के लिए इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से अमरीकन डॉलर की अपेक्षा रुपया १० फीसदी चढा है!) तो लग गया न ३२.५ लाख डॉलर तेरह करोड़ रूपये) का चूना . है न काम की बात !

टिप : माफ़ करियेगा, मगर इस पोस्ट का शीर्षक "बाजारू" के बदले "बाजारी" ज्ञान होना चाहिऐ था। बाजारू वर्ड हैस गौट अ नेगेटिव कोन्नोटेशन ;-)

3 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा है। आप सेटरडे-सण्डे काम करिये। इस टिप पर मैं सॉफ्टवेयर कम्पनी के कुछ शेयर खरीद लेता हूं। आजकल सस्ते हैं।
    अंतत: उन्हे बढ़ना ही है!

    जवाब देंहटाएं
  2. फायदा तो मैं आपका करवा दूँगा आपके ब्लॉग में छपे इश्तिहारो पर क्लिक करके ;-) बस सेटरडे - सन्डे काम करने की बात न करें !

    जवाब देंहटाएं
  3. तो भैया आप ब्लोग़्स्पॉट में आ गये. बढिया है.

    आपने वर्ड वैरीफिकेशन लगा रखा है. मेरे विचार से इसकी जरूरत नहीं. यदि चाहें तो केवल मॉडरेसन लगा दें.

    जवाब देंहटाएं

तो कैसा लगी आपको यह रचना? आईये और कहिये...