रविवार, अगस्त 04, 2013

दास्ताँ-ए-कॉमेडी

किन्ही जनाब ने कहा है - "आप किसी मुल्क के किरदार के बारे में अंदाज़ा लगाना चाहते हैं तो यह देखिये कि उस मुल्क के लोग किन चीज़ों पर हँसते हैं"

आज के ज़माने में आपको अगर अंदाज़ा लगाना है तो आपको किसी दूर मुल्क जाने की तकलीफ उठाने की जरूरत नहीं है। सारी कायनात का इल्म आपकी मुट्ठी में हो सकता है बस जरा अँगुलियों को टपटपाने की हरकत करें! वैसे जरा अपने दामन पर नज़र डालें और देखें कि कॉमेडी के नाम पर क्या परोसा जा रहा है। लोग ठहाके मार हँस रहे है मुझे क्यूँ शर्मसार महसूस हो रहा है ये फिल्में और टीवी सीरियल देखकर?


मुनासिब शेर अर्ज है -

ख्वाहिश ए क़ल्ब है कि आज जी भर कर हँस लें
इन पर तो आसूँ भी बहाना ज़ाया है यारों।

मालूम है कि अभी नाउम्मीदी का माहौल है चारों तरफ,
पर क्या अब हँस भी नहीं सकते इन शोशों के बिना?

मुतब्बस्सिम है जहाँ ये तमाशा नज़र कर
अपनी तो ख़ुशी ने भी ख़ुदकुशी कर ली यारों।

Image Courtesy - Wikipedia (for non-profit use on the blog)


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तो कैसा लगी आपको यह रचना? आईये और कहिये...