सोमवार, अप्रैल 21, 2008

हाउ टू बी अ सोशियालायिट

Socialite - A socialite is a person (male or female, but more often used for a woman) of social prominence who spends significant resources entertaining and being entertained but is not (at least in the early 20th century heyday of socialites) a professional entertainer. A socialite is usually a member of the upper class or aristocracy with their social movements categorized in high-society magazines. - from Wikipedia.

मुझे पब्लिक ने कहा कि मैं सोशियल नहीं हूँ (इसका मतलब एंटी - सोशियल से न जोडा जाए )। घर पे गया तो पिताजी बोले ,"बेटा कुछ सोशियल बनो" - । "मुझे सोशियालिस्म से कुछ ख़ास लगाव नही है"- मैंने ऐसा टंग-इन-चीक कमेन्ट दिया तो वह आँखे दिखाने लगे। अब पिताजी को निबटा के साँस भरी ही थी कि फ्रेंड्स ने बिगुल बजा दिया - "अबे कैसा है तू ?", मैंने कहा, "मैं ऐसा ही हूँ"। काफ़ी समय तक उनको इग्नोर करने के आजकल मैं सोशियल बनने की कोशिश कर रहा हूँ।

वैसे सोशियलायिट होना भी एक कला ही है। इसके निदान के लिए "लाख दुखों की एक दवा" विकिपेडिया पर खोजा गया तो पता चला कि इसके लिए कुछ स्टेप्स हैं।

1. अच्छा नाम होना चाहिए। जैसे तारापोरवाला , सिंघानिया, मल्होत्रा, गोदरेज आदि अनादी। ज्यादा चूल हो तो क-अक्षरधारी किसी भी प्रदूषित धारावाहिक का अवलोकन किया जा सकता है - मगर अपने रिस्क पे। अब "लल्लन पाण्डेय" जैसे चिरकुटिया नाम का प्रयोग तो बिल्कुल ही अनफ़ैशनेबल है - अपने पैर पर कुल्हाडी मारने जैसा। हाँ, मिसेज पूनावाला एकदम "इन" नाम है।
2. लूक्स ऐसी हों कि लगे मानों राजघराने के वारिस आज अनाथालय में बक्शीश देने आए हों। यह न हो कि नाम हो लिल्लेटे दुबे और शकल हो हैदराबाद के लाद बाजार में चूडियाँ बेचने वाले सारखी।
3. आपका ग्रेजुएशन सही सब्जेक्ट से हो - जैसे इंग्लिश या फ्रेंच लिटरेचर , रोमन कला और साहित्य, साइकोलोजी या इकोनोमिक्स। हिन्दी साहित्य या राजनीती विज्ञान जैसे आत्मघाती शब्दों का प्रयोग तो कतई न करें। देहरादून या नैनीताल के बोर्डिंग स्कूलों में बचपन निकला हो तो सोने पे सुहागा!
4. आप कई सारे ट्रस्ट या कमिटी के सदस्य हों तो अच्छा होगा। हॉस्पिटल, चेरिटी, समाज के निम्न (गिरे हुए) वर्गों से संबंधित कुछ मिल जाए तो इमोशन का तड़का भी आ जाए। वैसे आजकल HIV - AIDS का बाज़ार भी काफ़ी गरम है।पूजनीय श्रीमती राधा बाई गंगवाल धर्मशाला का जिक्र नुकसानदायक हो सकता है।
5. शौक ऐसे पालें मानो नवाब के जाने हों! गोल्फ, पोलो,टेनिस, हौर्स रायडिंग, फार्मूला वन जैसे खेलो में रूचि रखें।गोल्फ क्लब की सदस्यता लें - किरकिट, हॉकी, कब्बडी जैसे सड़कछाप खेलों से दूर ही रहे। हाँ, IPL में रूचि दिखा सकते हैं।


6. गाल को चूमना सीखें - मगर भडैत तरीके से नहीं - बस हवा में एक किस। लंबा वाला सेशन पार्टी के बाद कार में पूरा कर सकते हैं।
7. होटल में समय बिताएं। एक रात के लिए कमरा लेकर दोस्तों को पार्टी पर बुलाएं - कह सकते हैं कि घर पे आप "बोर" हो गए थे - या फ़िर "यू नीडेड अ ब्रेक"। उपरोक्त उपाय प्रायतः काफी सफल पाया गया है।
8. चमकने वाले कपड़े पहने, जितनी चमक उतना असर ! लंदन और फ्रांस का लेबल हो तो बात बन जाए।
9. चेहरे पे सदा एक मुस्कान बनी रही - कैटरिना कैफ जैसी -(कमबख्त हर सीन में एक ही चेहरा ले के आ जातीहै)। एकदम ग्रेसफुल और नॉन-चलेंट रहें - दीन दुनिया से अविचलित। भले ही आपके सामने अभिषेक बच्चन खड़ा हो - यूं बिहेव करें कि मानों आपके लिए ये रोज की बात हो!
10. एंड लास्ट बात नेवर द लीस्ट - बात करने का लहजा सीखें। "यू लुक बियुटिफुल/गोर्जियस " के बजाय " यूलुक डिवायिन / डिवास्टेटिन्ग " बेहतर है। आप जो भी कहें वह एक्साइटिन्ग होना चाहिए - आम घरेलु काम को सजा -धजाकर बताएं।

अब मुझ जैसे देहाती - अनरिफ़ाइन्ड का न जाने क्या होगा मगर आप ही शायद इन तरीकों से लाभ उठा पाएं - इसी से मेरा लेख सार्थक हो जाएगा।

नोट - आज के इस भाषाई डायरिया के लिए क्षमाप्रार्थी हूँमगर क्या करूँ एक प्रोस्पेक्टिव सोशियालायिट को इसी भाषा का प्रयोग मान्य है!

6 टिप्‍पणियां:

  1. पिताजी कहते हैं सोशल बनो - यह तो कॉम्प्लीमेण्ट लगता है कि लड़का सीधा है।

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  2. बढिया जी आप यो बन भी गये चाहे तो हम आपको प्रमाण पत्थर भी भिजवा सकते है,:)

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  3. पहली बार आपके ब्लाग पर आया हूं निराश नहीं हुआ.

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  4. मुझे आपका मेल आई डी नही मिला अत: मै अपनी बात आपके तालीबानी क्या है पर कि गई टिप्पणि के संदर्भ मे यही कह रहा हू,आप चाहे तो मुझ मेल कर सकते है
    सौरभ जी आप की आमद का शुक्रिया,ये चित्र कुछ खास लोगो के लिये दिखाये गये थे,जिन्हे सिर्फ़ और सिर्फ़ हिम्दू धर्म, को कोसमे के अलावा कुछ और कार्य नही था,लेकिन अब ये बीती बात हो गई है,आप की राय सिर आखो पर ,आप यहा पधार कर मेरे बारे मे अपने विचार बदल सकते है
    www.pangebai.blogspot.com यहा आपको मस्तिया हास्य और चुटकिया ही मिलेगी जो मै अपने ब्लोगर्स साथियो,राजनेताओ और आस पास दिखती
    सामाजिक परिवेश पर लेता रहता हौ,मुझे उम्मीद है कि आप मुजे अपनी अमूल्य राय से हमेशा अवगत कराते रहेगे
    aroonarora@gamail.com

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  5. सौरभ जी
    आपके व्यंग्य धारदार हैं। पढ़ने में मजा आ गया।
    दीपक भारतदीप

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