tag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post6466525483921376468..comments2023-05-05T17:23:17.399+05:30Comments on Smells like rain... बारिश की खुशबू ...: हिन्दी का भविष्यचिन्तन !Unknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-63821857141266680612007-11-26T12:47:00.000+05:302007-11-26T12:47:00.000+05:30सही बात कही भाई। अपनी मातृभाषा में जो रस मिलता है,...सही बात कही भाई। अपनी मातृभाषा में जो रस मिलता है, दूसरी भाषा में नहीं। बचपन से ही जिस भाषा को आपने जिया हो, मजा तो उसी में आएगा। मुझे भी मजा चुम्बन लेने में आता है, किस करने में नहीं।Satyendra PShttps://www.blogger.com/profile/06700215658741890531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-38518474599827407372007-11-23T18:05:00.000+05:302007-11-23T18:05:00.000+05:30किसी के कहने से भाषा न बनती है न बिगड़ती है. कालां...किसी के कहने से भाषा न बनती है न बिगड़ती है. कालांतर लगते हैं इसमे. हमारे देश में प्रदेशो के विभाजन का एक ही तो आधार है.. और वो है भाषा. कौन है जो इसे भी बदल देगा?पुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-45075909498288233742007-11-21T00:36:00.000+05:302007-11-21T00:36:00.000+05:30सही है। स्वागत है।सही है। स्वागत है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-52993839082322217582007-11-20T21:56:00.000+05:302007-11-20T21:56:00.000+05:30बस, अनुनाद सिंह जी भारी भरकम हिन्दी वाले हैं - डरन...बस, अनुनाद सिंह जी भारी भरकम हिन्दी वाले हैं - डरना मत। हमारी तरह अंग्रेजी ठेलने से परहेज न करना! :-) <BR/>बाकी; हिन्दी से मां जैसा स्नेह मिलता है - यह जानता हूं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-9905611340119442892007-11-20T18:12:00.000+05:302007-11-20T18:12:00.000+05:30सौरभ, आपका हिन्दी चिट्ठाकारी में स्वागत है।हिन्दीम...सौरभ, आपका हिन्दी चिट्ठाकारी में स्वागत है।<BR/><BR/>हिन्दीमें सब कुछ है, बस भारत में एक काम किया जाय कि हर काम के लिये अंग्रेजी की अघोषित और घोषित अनिवार्यता खत्म कर दी जाय, फिर हिन्दी की शक्ति देखते ही बनेगी!अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-39465538243150429392007-11-20T15:36:00.000+05:302007-11-20T15:36:00.000+05:30हाँ और पेलो कंपनी का फ़ोन, वैसे अंतर्जाल पर लेखन क...हाँ और पेलो कंपनी का फ़ोन, वैसे अंतर्जाल पर लेखन की शुरुआत भी कई लोगों की इसी वजह से हुई है क्योंकि दफ़्तर में फ़ोकट का कनेक्शन था।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-51844149035492988402007-11-20T14:08:00.000+05:302007-11-20T14:08:00.000+05:30वी आर ट्राइंग टू साल्ट द माइन.वी आर ट्राइंग टू साल्ट द माइन.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.com