tag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post6377425854641434314..comments2023-05-05T17:23:17.399+05:30Comments on Smells like rain... बारिश की खुशबू ...: दिल्ली की दारु और कोल्हापुर की मर्सीडीज़Unknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-28861297390721612732007-11-19T14:45:00.000+05:302007-11-19T14:45:00.000+05:30सही कहा भाई साहब आपनेसंमृद्धि का विरोध कोई नहीं कर...सही कहा भाई साहब आपने<BR/>संमृद्धि का विरोध कोई नहीं करता। लेकिन यह समाज को असंतुलित करने वाला नहीं होना चाहिए। नीतियां यही हैं कि देशके तमाम इलाके रोटी के लिए तरस रहे हैं, कुछ एक में मर्सिडीज चल रही हैं। अगर रोटी के लिए मोहताज आदमी को यह लग गया कि इसकी मर्सिडीज, हमारे जैसे हजारों की रोटी से तैयार हुई है, तो हालत बुरी हो जाती है।Satyendra PShttps://www.blogger.com/profile/06700215658741890531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-23347492985581246692007-11-19T12:09:00.000+05:302007-11-19T12:09:00.000+05:30आपने तो मन की बात कह दी जी.आपने तो मन की बात कह दी जी.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-80051290912644607132007-11-19T11:16:00.000+05:302007-11-19T11:16:00.000+05:30समाजवाद से आपने अपना पल्ला जिस गति से झाडा वह देख ...समाजवाद से आपने अपना पल्ला जिस गति से झाडा वह देख कर बहुत खुशी हुई. :)<BR/>समाजवादियों, कम्युनिस्टों/ वामपंथियों से अपना ३६ का आंकडा है . अब रही बात समृधि के साथ संतुलन बनाने की तो यही कहूँगा कि "यह डगर बहुत कठिन है भैय्या!"स https://www.blogger.com/profile/03027465386856609299noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-50745226721904803062007-11-19T10:18:00.000+05:302007-11-19T10:18:00.000+05:30सौरभ जीएक तो ये कि मैं समाजवादी नहीं हूं। समाजवाद ...सौरभ जी<BR/>एक तो ये कि मैं समाजवादी नहीं हूं। समाजवाद शब्द ने देश की तरक्की के रास्ते में बड़े-बड़े ब्रेकर लगाए हैं। पैसा, कार और दारू के पीछे भागने की दिल्ली की आदत बताने के पीछे मेरा मंशा सिर्फ इतनी ही है कि समृद्धि के साथ संतुलन बना रहे तो अच्छा।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-27910026679667680842007-11-19T09:09:00.000+05:302007-11-19T09:09:00.000+05:30सही बात है पैसा है तो शौक भी है, पैसा नही तो जिंदग...सही बात है पैसा है तो शौक भी है, पैसा नही तो जिंदगी जीने की चिंताTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-81972287068304455582007-11-19T07:10:00.000+05:302007-11-19T07:10:00.000+05:30अरे, लगता है यह लेख मैने लिखा हो!अरे, लगता है यह लेख मैने लिखा हो!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293156304930186521.post-52545021603778007212007-11-19T01:02:00.000+05:302007-11-19T01:02:00.000+05:30कोल्हापुर के मेरे केवल दो दोस्त हैं - और एक की कपड...कोल्हापुर के मेरे केवल दो दोस्त हैं - और एक की कपड़ा मिल थी, दूसरे के पास रोड रोलर - जो वह भाड़े पर देता था।<BR/>वास्तव में समृद्धि लाना हमारे हाथ में ही है, मौके सबके पास हैं। आर्थिक समृद्धि को चारित्रिक और आत्मिक समृद्धि से अलग रखने वाले लोग यह भूल जाते हैं कि गरीबी ही सबसे अधिक अपराध कराती है। हमारे देश में चिरकाल से सब प्रकार की समृद्धि की कामना एक साथ ही की जाती है क्योंकि वास्तव में वे एक दूसरे से जुड़ी ही हैं।आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.com